
केदारनाथ
चार धाम का तृतीय धाम, कैलाशपति का दिव्य निवास
इतिहास/कथाएँ
- पौराणिक मान्यता है कि पांडव युद्ध के पश्चात भगवान शिव की शरण लेने यहाँ आए।
- भगवान शिव ने उन्हें क्षमा किया और केदारनाथ ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ।
- मौजूदा मंदिर का पुनर्निर्माण आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में कराया।
- 2013 की आपदा के बाद भी मंदिर अक्षत रहा, जिससे इसकी दिव्यता और भी प्रबल मानी जाती है।
Best Time
May–June & Sep–Oct
मानसून (जुलाई–अगस्त) में भारी वर्षा और भूस्खलन का जोखिम रहता है। नवंबर से अप्रैल तक कपाट बंद रहते हैं और शीतकालीन पूजा ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होती है।
आवास
- GMVN Tourist Rest Houses (Gaurikund & Kedarnath)
- धर्मशालाएँ व बजट लॉज
- सीजन में पूर्व बुकिंग अत्यंत आवश्यक
कैसे पहुँचे
Air: Dehradun (Jolly Grant Airport) → सड़क मार्ग से Rishikesh/Guptkashi → Sonprayag/Gaurikund
Rail: Rishikesh/Haridwar → सड़क मार्ग से Sonprayag/Gaurikund
Road: Rishikesh → Devprayag → Rudraprayag → Guptkashi → Sonprayag → Gaurikund (shuttle service)
Sonprayag तक वाहन जाते हैं; वहाँ से Gaurikund के लिए लोकल शटल और फिर 16 किमी का ट्रेक।
सुरक्षा/सलाह
- मौसम तेजी से बदल सकता है; दैनिक मौसम बुलेटिन देखें।
- हाई ब्लड प्रेशर, हृदय और श्वसन समस्या वाले चिकित्सकीय परामर्श लें।
- मानसून में यात्रा टालें — भूस्खलन और बाढ़ का जोखिम रहता है।
- भीड़ के समय elderly और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
FAQ
केदारनाथ मंदिर कब खुलता और कब बंद होता है?
मंदिर के कपाट सामान्यतः अप्रैल/मई में अक्षय तृतीया या वैदिक ज्योतिषानुसार खोले जाते हैं और कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर/नवंबर) पर बंद कर दिए जाते हैं। सर्दियों में पूजा ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होती है।
क्या वरिष्ठ नागरिक हेलीकॉप्टर ले सकते हैं?
हाँ, हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है लेकिन यह मौसम और सीट उपलब्धता पर निर्भर करती है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए यह सुविधाजनक है। वैध ID, अग्रिम बुकिंग और स्वास्थ्य की जानकारी देना आवश्यक है।
सर्दियों में पूजा कहाँ होती है?
सर्दियों में भगवान केदारनाथ की पूजा ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में की जाती है। इस अवधि में भक्त वहाँ जाकर नियमित दर्शन और पूजा कर सकते हैं।
केदारनाथ ट्रेक कितना कठिन है?
ट्रेक लगभग 16 किमी लंबा है। यह मध्यम से कठिन श्रेणी का माना जाता है क्योंकि रास्ता ऊँचाई पर है और ठंडा मौसम रहता है। फिटनेस और तैयारी के साथ यात्रा करें। बुजुर्गों और बच्चों के लिए पोनी या पालकी बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
क्या मानसून में यात्रा करनी चाहिए?
जुलाई-अगस्त में भारी वर्षा और भूस्खलन की संभावना रहती है। इस समय यात्रा जोखिमपूर्ण हो सकती है। सुरक्षित यात्रा के लिए मई-जून और सितंबर-अक्टूबर का समय उपयुक्त है।
क्या केदारनाथ यात्रा के दौरान मोबाइल नेटवर्क मिलता है?
गौरीकुंड तक अधिकतर नेटवर्क काम करते हैं। ट्रेक मार्ग और मंदिर क्षेत्र में सीमित कवरेज होता है और मौसम पर निर्भर करता है। BSNL और Jio का नेटवर्क अपेक्षाकृत बेहतर माना जाता है।
क्या भोजन और पानी की सुविधा ट्रेक मार्ग पर उपलब्ध है?
हाँ, ट्रेक मार्ग पर कई ढाबे और चाय की दुकाने हैं जहाँ हल्का भोजन, पानी और चाय मिल जाती है। फिर भी पीने का पानी और कुछ स्नैक्स अपने साथ रखना उचित है।
क्या मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है?
मंदिर गर्भगृह के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी निषिद्ध है। बाहर के प्रांगण में मंदिर प्रशासन की अनुमति अनुसार फोटो ले सकते हैं।
क्या ट्रेक के दौरान मेडिकल सुविधा उपलब्ध है?
हाँ, गौरीकुंड और सोनप्रयाग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। ट्रेक मार्ग पर भी आपातकालीन सहायता के लिए चिकित्सा व्यवस्था रहती है। ऑक्सीजन सिलिंडर और स्ट्रेचर सुविधा भी उपलब्ध होती है।
क्या यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?
हाँ, उत्तराखंड सरकार द्वारा यात्रा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। आप इसे ऑनलाइन पोर्टल पर या स्थानीय पंजीकरण केंद्र पर कर सकते हैं। इससे आपातकालीन स्थिति में ट्रैकिंग और सहायता मिलती है।