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विष्णु

विष्णु

नारायणगोविन्दजनार्दनजगन्नाथवैकुण्ठपति

विवरण

भगवान विष्णु, त्रिदेवों में पालनकर्ता देवता हैं। वे धर्म, करुणा और समरसता के अधिपति माने जाते हैं। शेषनाग पर शयन करते हुए क्षीरसागर में निवास करने वाले विष्णु का स्वरूप नीले वर्ण, चार भुजाओं और शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करने वाले रूप में वर्णित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है और धर्म संकट में पड़ता है, विष्णु अवतार लेकर अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करते हैं। दशावतारों में मत्स्य, कूर्म, वाराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि शामिल हैं। ये अवतार मानवता के विभिन्न संकटों से उद्धार का प्रतीक हैं। विष्णु की पत्नी लक्ष्मी समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। नारायण-लक्ष्मी का रूप जीवन में धर्म और धन का संतुलन दर्शाता है। विष्णु को नारायण, गोविन्द और जगन्नाथ जैसे अनेक नामों से भी जाना जाता है। विष्णु उपासना विशेषकर वैष्णव सम्प्रदाय में प्रमुख है। दक्षिण भारत के श्रीरंगम मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर और बद्रीनाथ धाम विष्णु भक्ति के प्रमुख केन्द्र हैं। एकादशी का व्रत विष्णु भक्ति का महत्वपूर्ण अंग है। धर्मशास्त्रों और ग्रंथों जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण और महाभारत में विष्णु की महिमा का विशेष वर्णन है। वे केवल पालनकर्ता ही नहीं बल्कि धर्म-स्थापक और मोक्षदाता भी हैं। भक्तजन उन्हें शरणागतों के रक्षक के रूप में पूजते हैं।

त्योहार (विस्तृत)

  • वैकुण्ठ एकादशी
    मार्गशीर्ष/पौष • शुक्ल • एकादशी • Dec/Jan • भारत
    व्रतउपासनामोक्ष
  • जन्माष्टमी (कृष्ण अवतार उत्सव)
    भाद्रपद • कृष्ण • अष्टमी • Aug/Sep • भारत
    भक्तिजन्मोत्सव

परम प्रिय

लक्ष्मी

पितृ-परिचय

पिता: अनादि, माता: अनादि

आवास

वैकुण्ठ • क्षीरसागर

आइकनोग्राफी व गुण

सुदर्शन चक्रशंखगदाकमलपालनकर्ताधर्मरक्षककरुणामयसुदर्शनधारीमोक्षदाता

आम प्रतिमा/चित्रण

लक्ष्मी के साथ, शेषनाग पर शयन करते हुए या गरुड़ वाहन पर

पावन स्थल

बद्रीनाथ मंदिर
उत्तराखंड

चारधाम में से एक प्रमुख विष्णु धाम

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श्रीरंगम रंगनाथस्वामी मंदिर
तमिलनाडु

दक्षिण भारत का सबसे बड़ा वैष्णव मंदिर

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जगन्नाथ मंदिर
पुरी, ओडिशा

चारधाम में से एक; रथयात्रा के लिए प्रसिद्ध

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संबंधित ग्रन्थ

विष्णु पुराणभागवत पुराणमहाभारतगीतारामायण

FAQ

  • भगवान विष्णु को पालनकर्ता क्यों कहा जाता है?

    त्रिदेवों में ब्रह्मा सृष्टि-कर्ता, शिव संहारक और विष्णु पालनकर्ता माने जाते हैं। पालनकर्ता का अर्थ है—जीवों की रक्षा करना, संसार में संतुलन और धर्म की स्थापना करना। जब-जब अधर्म बढ़ता है, विष्णु अवतार लेकर धर्म की रक्षा करते हैं।

  • विष्णु के दशावतार कौन-कौन से हैं?

    विष्णु के दशावतार हैं: मत्स्य, कूर्म, वाराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि। प्रत्येक अवतार एक विशेष उद्देश्य से प्रकट हुआ—जैसे नरसिंह ने प्रह्लाद की रक्षा की, राम ने रावण का वध किया, और कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया।

  • वैकुण्ठ एकादशी का क्या महत्व है?

    वैकुण्ठ एकादशी मार्गशीर्ष या पौष शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन उपवास और विष्णु पूजा करने से मोक्ष का मार्ग खुलता है। दक्षिण भारत में श्रीरंगम मंदिर में 'स्वर्ग द्वार' खोला जाता है, और लाखों भक्त दर्शन करते हैं।

  • विष्णु का वाहन कौन है और उसका क्या प्रतीक है?

    विष्णु का वाहन गरुड़ है, जो शक्ति, साहस और तेजी का प्रतीक है। गरुड़ पर आरूढ़ विष्णु संसार में धर्म की रक्षा करने के लिए तत्पर रहते हैं।

  • विष्णु के चार भुजाओं में क्या धारण होता है?

    विष्णु चार भुजाओं में सुदर्शन चक्र, पांचजन्य शंख, कौमोदकी गदा और कमल धारण करते हैं। ये क्रमशः समय, ध्वनि/सृष्टि, शक्ति और शांति का प्रतीक हैं।

  • विष्णु के प्रमुख तीर्थ स्थल कौन-कौन से हैं?

    प्रमुख विष्णु तीर्थ स्थलों में बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड), पुरी का जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा), श्रीरंगम रंगनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु), तिरुपति बालाजी (आंध्रप्रदेश) और द्वारकाधीश मंदिर (गुजरात) शामिल हैं।

  • विष्णु उपासना में कौन से व्रत और तिथियाँ महत्वपूर्ण हैं?

    एकादशी उपवास विष्णु भक्ति का सबसे प्रमुख अंग है। हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भक्त उपवास रखते हैं। इसके अलावा जन्माष्टमी, रामनवमी और वैकुण्ठ एकादशी विशेष रूप से विष्णु भक्ति से जुड़ी हैं।

  • विष्णु का आध्यात्मिक महत्व क्या है?

    विष्णु केवल भौतिक जगत के पालनकर्ता नहीं बल्कि आत्मा के मार्गदर्शक भी हैं। वे धर्म, करुणा और सत्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी शरण में जाने से जीवन का संतुलन, मानसिक शांति और अंततः मोक्ष प्राप्त होता है।

  • विष्णु और लक्ष्मी का सम्बन्ध क्या दर्शाता है?

    विष्णु धर्म और संरक्षण के देवता हैं, जबकि लक्ष्मी समृद्धि और धन की देवी। उनका संयोजन जीवन में धर्म और अर्थ (धन) का संतुलन दर्शाता है। यही संतुलन गार्हस्थ्य जीवन और समाज के लिये आवश्यक माना गया है।

  • क्या भगवान विष्णु केवल हिन्दू धर्म में पूजित हैं?

    मुख्य रूप से विष्णु हिन्दू धर्म में पूजित हैं, परंतु नेपाल, बाली (इंडोनेशिया), थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में भी विष्णु और उनके अवतारों की उपासना होती है। वहाँ के मंदिरों और कला में विष्णु और कृष्ण-राम जैसे अवतारों का विशेष स्थान है।

स्रोत/संदर्भ