
बद्रीनाथ
चार धाम का प्रमुख धाम, भगवान विष्णु का दिव्य निवास
इतिहास/कथाएँ
- पुराणों के अनुसार, नार और नारायण ऋषि ने इस स्थान पर तपस्या की थी।
- माना जाता है कि आदिगुरु शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और इसे चार धाम यात्रा का अंग बनाया।
- कालांतर में विभिन्न राजाओं और भक्तों द्वारा मंदिर का पुनरुद्धार और सौंदर्य-वृद्धि होती रही।
- मंदिर में शालग्राम शिला के रूप में विष्णु जी की मूर्ति विराजमान है जिसे स्वयंभू माना जाता है।
Best Time
May–June & Sep–Oct
बर्फबारी और सर्दियों में कपाट बंद रहते हैं और पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में संपन्न होती है। मानसून (जुलाई-अगस्त) में यात्रा कठिन हो सकती है।
आवास
- GMVN Tourist Rest House
- बद्रीनाथ धर्मशालाएँ
- मध्यम एवं उच्च श्रेणी के होटल (सीजन में पूर्व बुकिंग आवश्यक)
कैसे पहुँचे
Air: Dehradun (Jolly Grant Airport) → 320 km road via Rishikesh → Joshimath → Badrinath
Rail: Nearest station: Rishikesh (300 km), Haridwar (320 km)
Road: Rishikesh → Devprayag → Rudraprayag → Karnaprayag → Joshimath → Badrinath
Joshimath (45 km) is the last major town with accommodation & transport options
सुरक्षा/सलाह
- उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण मौसम में अचानक बदलाव आ सकता है। हमेशा गर्म कपड़े, छाता और टॉर्च साथ रखें।
- ऊँचाई के कारण कुछ लोगों को हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक की सलाह लें।
- बर्फबारी और भूस्खलन के समय यात्रा से बचें।
- भीड़-भाड़ वाले समय में elderly और बच्चों के लिए विशेष देखभाल करें।
FAQ
बद्रीनाथ मंदिर कब खुलता और कब बंद होता है?
मंदिर के कपाट सामान्यतः मई माह में अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं और कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर-नवंबर) के आसपास बंद कर दिए जाते हैं। शीतकाल में भगवान की पूजा जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में होती है।
सर्दियों में पूजा कहाँ होती है?
सर्दियों में जब बद्रीनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं तो भगवान बद्री की पूजा-आराधना जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में संपन्न होती है। यहाँ श्रद्धालु सालभर पूजा कर सकते हैं।
बद्रीनाथ की ऊँचाई कितनी है और मौसम कैसा रहता है?
मंदिर समुद्र तल से लगभग 3133 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ मई-जून और सितंबर-अक्टूबर में मौसम सुहावना रहता है। जुलाई-अगस्त में भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा रहता है जबकि नवंबर से अप्रैल तक बर्फबारी और ठंड के कारण मंदिर बंद रहता है।
क्या बद्रीनाथ तक सड़क मार्ग से पहुँचना आसान है?
हाँ, बद्रीनाथ सड़क मार्ग से जुड़ा है लेकिन सड़क संकरी और पहाड़ी है। जोशीमठ तक अच्छी बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। जोशीमठ से बद्रीनाथ तक 45 किमी की यात्रा टैक्सी/जीप से की जाती है। यात्रा के दौरान भूस्खलन और ट्रैफिक का ध्यान रखें।
क्या बुज़ुर्ग या बच्चों के लिए यात्रा कठिन है?
बद्रीनाथ यात्रा ऊँचाई और मौसम के कारण बुज़ुर्ग और छोटे बच्चों के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। ठंड से बचाव, धीरे-धीरे चढ़ाई और उचित दवाइयाँ रखने से यात्रा आसान हो जाती है। यदि किसी को हृदय या श्वास संबंधी समस्या है तो चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है।
बद्रीनाथ में रहने और खाने की सुविधा कैसी है?
बद्रीनाथ में धर्मशालाएँ, गेस्ट हाउस और GMVN रेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। सीजन में होटलों की बुकिंग पहले से कर लेना चाहिए। खाने के लिए ज्यादातर शाकाहारी भोजनालय हैं जो उत्तर भारतीय थाली, खिचड़ी, पराठा, चाय आदि परोसते हैं।
क्या बद्रीनाथ यात्रा चारधाम यात्रा का हिस्सा है?
हाँ, बद्रीनाथ चारधाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) और छोटे चारधाम (गंगोत्री, केदारनाथ, यमुनोत्री, बद्रीनाथ) का प्रमुख धाम है। हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिए बद्रीनाथ का दर्शन जीवन में एक बार करना शुभ माना जाता है।
बद्रीनाथ में कौन-कौन से प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं?
यहाँ बद्री-केदार उत्सव (जून) और माता मूर्ति का मेला (सितंबर) विशेष प्रसिद्ध हैं। कपाट खुलने और बंद होने के समय भी भव्य समारोह आयोजित होता है जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
क्या बद्रीनाथ मंदिर में मोबाइल और कैमरा ले जाने की अनुमति है?
मंदिर के गर्भगृह में मोबाइल और कैमरा ले जाना प्रतिबंधित है। मंदिर परिसर में फ़ोटोग्राफी और वीडियोग्राफी मंदिर प्रबंधन की अनुमति पर निर्भर करती है। तीर्थ स्थल की पवित्रता का सम्मान करते हुए श्रद्धालु संयम बरतें।
यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
यात्रा करते समय गर्म कपड़े, छाता/रेनकोट, आरामदायक जूते, दवाइयाँ और टॉर्च अवश्य रखें। ऊँचाई के कारण सांस की दिक़्क़त हो सकती है, इसलिए धीरे-धीरे चलें। सीजन में भीड़ अधिक होती है, तो आवास और यात्रा की अग्रिम बुकिंग ज़रूरी है।