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यमुनोत्री

यमुनोत्री

यमुना नदी का उद्गम स्थल, चारधाम का प्रथम धाम

Uttarakhand • UttarkashiAlt 3293 mBest: May–June & Sep–Oct

इतिहास/कथाएँ

  • ऋषि असित मुनि ने यमुनोत्री क्षेत्र में कठोर तपस्या की थी और वे यमुनोत्री तथा गंगोत्री दोनों में स्नान करते थे।
  • मंदिर के पास स्थित गरम कुण्ड (सूर्यकुंड) से सदियों से श्रद्धालु प्रसाद पकाते आ रहे हैं।
  • वर्तमान मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने करवाया।
  • मंदिर का शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली गाँव है, जहाँ सर्दियों में यमुना माँ की पूजा होती है।

Best Time

May–June & Sep–Oct

मई–जून और सितंबर–अक्टूबर में यात्रा सर्वोत्तम रहती है। जुलाई–अगस्त में मानसून के कारण भूस्खलन और फिसलन का खतरा रहता है। नवंबर से अप्रैल तक मंदिर बर्फबारी के कारण बंद रहता है और पूजा खरसाली गाँव में की जाती है।

आवास

  • GMVN Guest Houses (Barkot, Hanuman Chatti, Janki Chatti)
  • धर्मशालाएँ और बजट होटल
  • मुख्य सीजन में अग्रिम बुकिंग आवश्यक

कैसे पहुँचे

Air: Dehradun (Jolly Grant Airport) → सड़क मार्ग से Barkot → Janki Chatti

Rail: Rishikesh/Haridwar → सड़क मार्ग से Barkot → Janki Chatti

Road: Rishikesh → Barkot → Hanuman Chatti → Janki Chatti

जानकी चट्टी (5 किमी ट्रेक का प्रारंभ बिंदु)।

सुरक्षा/सलाह

  • ट्रेक मार्ग पर भीड़ और संकरी पगडंडियों पर सावधानी रखें।
  • मौसम अचानक बदल सकता है, रेनकोट या बरसाती रखें।
  • ऊँचाई के कारण सांस और BP की समस्या वाले चिकित्सकीय परामर्श लें।
  • प्लास्टिक का उपयोग न करें और पर्यावरण को स्वच्छ रखें।

FAQ

  • यमुनोत्री तक कैसे पहुँचा जाता है?

    यमुनोत्री सड़क मार्ग से केवल जानकी चट्टी तक पहुँचा जा सकता है। वहाँ से 5 किमी का ट्रेक करना पड़ता है। यह ट्रेक पैदल, पोनी, पालकी या पिठ्ठू से पूरा किया जा सकता है। बुजुर्ग और छोटे बच्चों के लिए पालकी या पोनी बेहतर विकल्प हैं।

  • सर्दियों में यमुनोत्री की पूजा कहाँ होती है?

    नवंबर से अप्रैल तक यमुनोत्री मंदिर बर्फबारी के कारण बंद रहता है। इस अवधि में यमुना माँ की पूजा शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली गाँव में होती है। यह गाँव जानकी चट्टी के पास स्थित है और यहाँ परंपरागत विधि-विधान से यमुना माँ की आराधना की जाती है।

  • क्या यमुनोत्री में गरम जल कुंड है?

    हाँ, मंदिर के पास सूर्यकुंड नामक प्राकृतिक गरम जल स्रोत है। यहाँ श्रद्धालु कपड़े में चावल या आलू बाँधकर गरम जल में पकाते हैं और फिर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। यह परंपरा यमुनोत्री यात्रा का विशेष आकर्षण है।

  • यमुनोत्री यात्रा का सबसे अच्छा समय कब है?

    यमुनोत्री यात्रा के लिए मई–जून और सितंबर–अक्टूबर सर्वोत्तम समय है। इन महीनों में मौसम सुहावना और सुरक्षित होता है। मानसून (जुलाई–अगस्त) में भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण यात्रा जोखिमपूर्ण हो सकती है। नवंबर से अप्रैल तक मंदिर बंद रहता है।

  • क्या बुजुर्ग और बच्चे यात्रा कर सकते हैं?

    हाँ, लेकिन पैदल ट्रेक बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए कठिन हो सकता है। ऐसे श्रद्धालु पोनी, पालकी या पिठ्ठू का सहारा ले सकते हैं। ऊँचाई और ठंड के कारण उन्हें पर्याप्त तैयारी और चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही यात्रा करनी चाहिए।

  • क्या यमुनोत्री यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?

    हाँ, उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। यह सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण है। रजिस्ट्रेशन पोर्टल: https://registrationandtouristcare.uk.gov.in

  • क्या मोबाइल नेटवर्क यमुनोत्री में उपलब्ध है?

    जानकी चट्टी तक अधिकांश मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध होते हैं। यमुनोत्री मंदिर क्षेत्र और ट्रेक मार्ग पर नेटवर्क सीमित और मौसम पर निर्भर होता है। BSNL और Jio का कवरेज अपेक्षाकृत बेहतर है।

स्रोत/संदर्भ

मानचित्र