हरिद्वार

हरिद्वार

गंगा प्रवेश द्वार, हर की पौड़ी की पावन भूमि

Uttarakhand • HaridwarAlt 314 mBest: Oct–Apr

इतिहास/कथाएँ

  • हरिद्वार का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलता है।
  • यह सप्तपुरियों (सात पवित्र नगरों) में से एक है।
  • हर की पौड़ी का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भर्तृहरि की स्मृति में कराया था।
  • गंगा का प्रवाह हरिद्वार से हिमालय क्षेत्र छोड़कर मैदानों की ओर प्रवेश करता है।
  • कुंभ मेला यहाँ 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है और इसमें लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं।

Best Time

Oct–Apr

गर्मी और मानसून में भी यात्रा संभव है, लेकिन अक्टूबर से अप्रैल तक मौसम सुहावना रहता है। कुंभ और अर्धकुंभ के समय विशेष आयोजन होते हैं।

आवास

  • धर्मशालाएँ और आश्रम (जैसे भारत सेवाश्रम, गीता भवन)
  • GMVN गेस्ट हाउस और होटल्स
  • बजट से लेकर लक्ज़री होटल तक उपलब्ध

कैसे पहुँचे

Air: Dehradun Airport (Jolly Grant) – लगभग 35 किमी

Rail: Haridwar Junction – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और प्रमुख शहरों से जुड़ा

Road: NH-58 हरिद्वार को दिल्ली, मेरठ, ऋषिकेश, देहरादून से जोड़ता है

हरिद्वार रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड शहर के बीचोंबीच स्थित हैं।

सुरक्षा/सलाह

  • गंगा स्नान करते समय तेज धारा से सावधान रहें।
  • भीड़-भाड़ में अपने सामान का ध्यान रखें।
  • कुंभ/अर्धकुंभ के समय बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी से रखें।
  • रात में अकेले सुनसान घाटों पर न जाएँ।

FAQ

  • गंगा आरती कब और कहाँ होती है?

    गंगा आरती प्रतिदिन हर की पौड़ी घाट पर प्रातःकाल सूर्योदय के समय (लगभग 5:30–6:30 AM) और सायंकाल सूर्यास्त के समय (लगभग 6:30–7:30 PM) संपन्न होती है। शाम की आरती विशेष रूप से प्रसिद्ध है जिसमें हजारों भक्त दीप प्रवाहित करते हैं।

  • हरिद्वार में स्नान का महत्व क्या है?

    मान्यता है कि हरिद्वार में गंगा स्नान करने से समस्त पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से कुंभ और मकर संक्रांति जैसे पर्वों पर यहाँ स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

  • हर की पौड़ी क्यों प्रसिद्ध है?

    हर की पौड़ी हरिद्वार का सबसे प्रमुख घाट है। मान्यता है कि यहाँ स्वयं भगवान विष्णु और भगवान शिव ने कदम रखे थे। इसी कारण इसे 'हर की पौड़ी' कहा जाता है।

  • हरिद्वार कब जाना सबसे अच्छा होता है?

    अक्टूबर से अप्रैल का समय सबसे अच्छा है जब मौसम ठंडा और सुखद होता है। ग्रीष्म और मानसून में भी यात्रा संभव है लेकिन गर्मी और उमस अधिक होती है।

  • क्या कुंभ मेला हर साल होता है?

    कुंभ मेला हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होता है जबकि अर्धकुंभ हर 6 साल पर। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष चैत्र और कार्तिक पूर्णिमा पर भी विशेष स्नान मेला लगता है।

  • क्या हरिद्वार में रहने की सुविधा अच्छी है?

    हाँ, यहाँ धर्मशालाएँ, आश्रम, बजट होटल से लेकर लक्ज़री होटल तक सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। भीड़ वाले सीजन (कुंभ, दीपावली, सावन) में अग्रिम बुकिंग करना बेहतर होता है।

  • हरिद्वार में कौन-कौन से अन्य दर्शनीय स्थल हैं?

    हर की पौड़ी के अलावा मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, माया देवी मंदिर, दक्षेश्वर महादेव मंदिर और पतंजलि योगपीठ प्रमुख स्थल हैं।

  • क्या हरिद्वार परिवार सहित घूमने के लिए सुरक्षित है?

    हाँ, हरिद्वार एक प्रमुख तीर्थस्थल है और परिवार सहित यात्रा करना सुरक्षित है। भीड़-भाड़ में बच्चों और सामान का ध्यान रखें और नदी में स्नान करते समय सुरक्षा नियमों का पालन करें।

  • क्या गंगा में डुबकी लगाना अनिवार्य है?

    डुबकी लगाना अनिवार्य नहीं है, लेकिन श्रद्धालु गंगा स्नान को अत्यंत पुण्यकारी मानते हैं। यदि कोई स्वास्थ्य कारणों से स्नान न कर सके तो केवल जल का स्पर्श करना भी पवित्र माना जाता है।

  • हरिद्वार में कितने दिन रुकना चाहिए?

    यदि आप केवल गंगा स्नान और गंगा आरती करना चाहते हैं तो एक-दो दिन पर्याप्त हैं। लेकिन यदि आप मनसा देवी, चंडी देवी, ऋषिकेश और आसपास के स्थल देखना चाहते हैं तो 3–4 दिन का समय उत्तम रहेगा।

स्रोत/संदर्भ

मानचित्र